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World Honey Day at KVK On Dated 20 May 2018


KVK Moradabad Celebrate a Anti Terrisioum Day on dated 21 May 2018


माननीय प्रधानमंत्री जी का स्वंय सहायता समूहों की महिलाओं से संवाद

आज दिनांक 12 जुलाई, 2018 को कृषि विज्ञान केन्द्र, बिलारी, मुरादाबाद के सभाकक्ष में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का का स्वंय सहायता समूहों की महिलाओं से सीधे संवाद का सजीव प्रसारण क्षेत्र की कृषक महिलाओं को दिखाया गया । संवाद कार्यक्रम में माननीय प्रधानमंत्री जी ने देश के महाराष्ट्र, राजस्थान एवं जम्मू कशमीर आदि राज्यों में संचालित स्वंय सहायता समूहों से जुडी महिलाओं से सीधा संवाद किया तथा बताया कि देश की महिलाये परिवार एवं समाज का कल्याण करने सदैव तत्पर है । देश के युवा एवं महिलाये सशक्तिकरण से आत्म निर्भर हो रही है। दीन दयाल अंत्योदय योजना से युवाओं एवं महिलाओं को जुडने एवं अपने कौशल का विकास एवं स्वरोगार पर जोर दिया। उन्होने बताया की छत्तीसगढ राज्य के 22 जिलों में 122 बिहान योजना आउट लेट खोले गये है तथा ळम्ड ;ळवअमतदउमदज म् डंतामजद्ध के माध्यम से स्वंय सहायता समूह द्वारा उत्पादों का सही मूल्य एवं बिक्री की जा रही है । सभी स्वंय सहायता समूहों को ळम्ड ;ळवअमतदउमदज म् डंतामजद्ध में कराने की सलाह दी, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा स्वंय सहायता समूहों को इसका लाभ मिल सकें ।

Hon’ble Prime Minister Shri Narendra Modi will addressing the session for Farm Women


Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi on 24.02.2019

एक दिवसीय खरीफ तकनीकी जागरूकता अभियान/कृषि गोष्ठी एवं किसान मेला की संक्षिप्त रिपोर्ट

कृषि विज्ञान केन्द्र, बिलारी, मुरादाबाद के द्वारा सांसद आदर्श ग्राम - लहरावन, विकास खण्ड - बहजोई जनपद - सम्भल में दिनांक - 26/06/2015 को एक दिवसीय खरीफ तकनीकी जागरूकता अभियान/कृषि गोष्ठी एवं किसान मेला का आयोजन किया गया । मेला का विधिवत उद्घाटन माननीय सत्यपाल सिंह सैनी सांसद- सम्भल के कर कमलों द्वारा फीता काट कर किया गया । मेला प्रांगण में जनपद के कृषि से सम्बन्धित विभिन्न सरकारी विभागों तथा गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा लगायीे गयी प्रदर्शनी स्टालों का निरीक्षण किया तथा कुछ स्टालों पर माननीय सांसद द्वारा तकनीकी जानकारी के साथ-साथ बहुमूल्य सुझाव भी दिये।

मेला स्थल पर आयोजित कृषि गोष्ठी की अध्यक्षता माननीय सांसद श्री सत्पाल सिंह सैनी, जनपद सम्भल के द्वारा की गई । इस अवसर पर सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौ0 विश्वविद्यालय से आये संयुक्त निदेशक प्रसार डा0 एस0के0 सचान एवं केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक/सहनिदेशक डा0 के0वी0 सिंह द्वारा मा0 सांसद को बुके भेंट कर सम्मानित किया । इसी क्रम में केन्द्र के विषय वस्तु विशेषज्ञ: डा0 अरविन्द कुमार, डा0 मोहन सिंह व डा0 ए0के0 मिश्रा द्वारा मा0 सांसद, संयुक्त निदेशक प्रसार व उपनिदेशक कृषि को भी बुके भेट कर सम्मानित किया गया ।

सर्वप्रथम केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक/सहनिदेशक डा0 के0वी0 सिंह ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र सम्भल लोकसभा क्षेत्र के बिलारी विधानसभा क्षेत्र में कार्यरत है। उन्होने कृषि विज्ञान केन्द्र के उदेद्श्यों व इसके महत्व पर विस्तार से चर्चा की । डा0 सिंह द्वारा केन्द्र के विषय वस्तु विशेषज्ञों द्वारा लगाये गये प्रदर्शनों पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि केन्द्र द्वारा जो प्रदर्शन एवं ट्रायल किये गये है उनके परिणामों के अनुसार शरदकालीन गन्ने के साथ लहसुन की खेती करना लाभकारी है । इसी तरह धान की सीधी बुवाई करना रोपाई की अपेक्षा लाभप्रद है क्योकि पानी,डीजल व श्रम तीनो की बचत होती है । उन्होने कृषको को बताया कि खेती को व्यावसाय के रूप में देखना चाहिये तभी उत्पादन में वृद्वि सम्भव है क्योकि कृषि भूमि लगातार शहरीकरण व उघोगीकरण में जा रही है, जोत का आकार भी छोटा होता जा रहा है औद्योगीकरण तथा जनसंख्या लगातार बढ रही है ऐसी स्थिति में खाद्यान्न की पूर्ती के लिये कृषि उत्पादन बढाना अति आवश्यक है और कृषि उत्पादन को बढाने के लिये हमारे पास एक ही विकल्प है और वह है कृषि तकनीकी । यह तकनीकी चाहे फसलोत्पादन, पशुपालन, कीट एवं बीमारियों के नियन्त्रण, मतस्य आदि क्षेत्रों में हो इसको अपनाना आज की आवश्यकता हो गई है अर्थात हमें परम्परागत खेती को छोडकर आधुनिक खेती को अपनाना होगा । डा0 सिंह ने खेती के साथ -साथ खेती से जुडे छोटे-छोटे व्यवसाय जैसे - दुग्ध उत्पादन, केचुआ खाद बनाना, मुर्गी पालन, मत्सय पालन, दालो की प्रोसेसिंग आदि को अपनाने पर भी जोर दिया ताकि किसान भाईयों को वर्षभर आमदनी प्राप्त होती रहे तभी किसान अपना व राष्ट्र का कल्याण कर सकते है ।

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौ0 विश्वविद्यालय से आये संयुक्त निदेशक प्रसार डा0 एस0के0 सचान द्वारा मा0 सांसद को अवगत कराया गया कि विश्वविद्यालय के कार्य क्षेत्र में चार कृषि विज्ञान केन्द्रों का ओर सृजन किया जाना है । जिसमें एक जनपद - सम्भल भी है। चूॅकि फार्म तथा बिल्डिग आदि के लिये जमीन की व्यवस्था राज्य सरकार को करनी है जिसके लिये सम्भल जनपद के राजकीय कृषि फार्म पल्था की जमीन पर कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना के लिये प्रशासनिक कार्यवाही पूर्ण कर जिलाधिकारी द्वारा पत्र उ0प्र0 शासन को भेजा जा चुका है तथा पुनः अनुस्मारक भी जा चुका है । जमीन की उपलब्धता होने पर विश्वविद्यालय द्वारा शीद्य्र कृषि विज्ञान केन्द्र की स्थापना कर दी जायेगी। उक्त दिशा में माननीय सांसद महोदय के प्रयास की आवश्यकता है ।

कृषि विज्ञान केन्द्र के विषय वस्तु विशेषज्ञ डा0 ए0के0मिश्र ने धान की सीधी बुवाई पर विशेष चर्चा करते हुए कृषकों से आवाहन किया कि इसको अधिक से अधिक अपनाने की आवश्यकता है। क्योकि वर्षा की कमी, मजदूरी एवं डीजल की कीमतों में वृद्वि को देखते हुए धान की सीधी बुवाई करना रोपाई की अपेक्षा ज्यादा लाभप्रद है । रोपाई की अपेक्षा सीधी बुवाई करने पर 3-4 हजार रूपये प्रति हैक्टेयर की बचत है । इसके साथ-साथ डा0 मिश्रा ने उर्द,बाजरा तथा मक्का की वैज्ञानिक तकनीक से खेती करने पर जोर दिया तथा कृषकों द्वारा गन्ना, आलू,धान आदि फसलों से सम्बधित समस्याओं का समाधान किया।

केन्द्र के विषय वस्तु विशेषज्ञ, (पादप सुरक्षा) डा0 अरविन्द कुमार ने गर्मी की जुताई के महत्व को बताते हुये कहा कि गर्मी की जुताई करने से भूमि की भौतिक अवस्था में सुधार, खरपतवारों का नष्ट होना, कीट एवं बीमारियों के विषाणु भी नष्ट हो जाते है तथा मृदा में नमी का संरक्षण भी होता है । इसके साथ-साथ खरीफ फसलों में लगने वाले कीट एवं बीमारियों पर विस्तार से चर्चा करते हुए जानकारी दी और बताया कि किसान रसायनिक दवाओं का प्रयोग कम से कम करें । उनके स्थान पर जैविक कीटनाशक एवं फफूॅदीनाशक जैसे - ट्राइकोडर्मा, बिवैरिया वैसियाना, स्यूडोमोनास आदि का प्रयोग अधिक से अधिक करना चाहिये । रसायनिक दवाओं का प्रयोग उसी समय करें जब जब प्रकोप का स्तर ज्यादा भयंकर रूप से हो क्योकि रसायनिक दवायें हमारे स्वास्थ के साथ-साथ पर्यावरण को भी प्रदूषित करते है ।

केन्द्र के विषय वस्तु विशेषज्ञ (मृदा विज्ञान) डा0 मोहन सिंह ने बताया कि मृदा में जीवांश पदार्थ की मात्रा लगातार कम होती जा रही है जो एक चिंता का विषय है । मृदा में हरी खादों, सनाई, ढैंचा का प्रयोग अति आवश्यक है, जिससे कि मृदा में जीवांश पदार्थ का उचित स्तर बनाये रखा जा सके । उन्होने बताया कि किसानों द्वारा अंधाधुध रसायनिक खादों के प्रयोग से मृदा की स्थिति खराब होती जा रही है । ऐसी स्थिति में मृदा परीक्षण कराना अति आवश्यक है । खेत से मृदा नमूना लेने के तरीकों की विस्तार से जानकारी दी और कहा कि प्रत्येक किसान अपना मृदा स्वास्थ कार्ड बनवाकर संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करें । ऐसा करने से समय व धन दोनो की बचत होगी । किसान भाई देशी खाद, केचुआ खाद, कम्पोस्ट खाद व हरी खादों का प्रयोग कर महॅगे रसायनिक खादों का कम मात्रा में उपयोग कर सकते है तथा खाद एवं उर्वरकों को संतुलित मात्रा में प्रयोग कर कृषि उत्पादन को बढा सकते है ।

मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डा0 एस0 के0 शर्मा ने पशुपालन विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारें में कृषकों को जानकारी दी । साथ ही साथ उन्होने कृषकों को अवगत कराया कि अपने पशुओं में लगने वाली बीमारियों जैसे खुरपका, मुॅखपका तथा गलाघोटू बीमारियों से बचाने के लिये उनका टीकाकरण अवश्य कराये । इसके लिये गाॅव में कैम्प लगाकर सभी पशुओं का टीकाकरण किया जायेगा। डा0 शर्मा ने बताया कि दुधारू पशुओं को सन्तुलित मात्रा में एवं गुणवक्तायुक्त चारा एवं राशन खिलाना चाहिये तभी आप दुधारू पशुओं से अच्छी गुणवक्ता का अधिक दूध ले सकते है ।

उपकृषि निदेशक श्री जे0एस0 राठौर ने कृषि विभाग द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के बारें में विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि कृषि विभाग की किसी भी योजना का लाभ लेने के लिये सबसे पहले कृषक को आॅन लाइन रजिस्ट्रेशन कराना आवश्यक है । उसके बाद बीज, खाद, कृषि यन्त्र तथा सोलर टयूबवैल की सब्सिडी उन किसानों के सीधे खाते में जायेगी । कृषि विभाग इस समय 2 एच0पी0, 3 एच0पी0 तथा 5 एच0पी0 सोलर पम्प सब्सिडी पर लगवा रहा है । जिसका कृषकों को अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिये ।

किसान मेला एवं कृषक गोष्ठी में प्रथमा बैंक के क्षेत्रीय प्रबन्धक श्री ए0के0 सिंह ने प्रथमा बैंक द्वारा कृषकों के लाभार्थ हेतु जो योजनायें चल रही है उसकी विस्तृत जानकारी दी तथा स्टाल के माध्यम से कृषकों को साहित्य भी वितरित किया।

जिला उद्यान अधिकारी ने भी अपने विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के बारें में विस्तार से चर्चा करते हुए कृषकों को बताया कि विभाग कृषकों को फलदार बाग (आम, अमरूद,लीची) तथा फूलों की खेती को बढावा देने के लिये योजनायें चला रहा है । जिसके अन्तर्गत उन्नत प्रजातियों के बीज तथा फलदार वृक्ष सब्सिडी पर दे रहा है । जिसका कृषकों को अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिये ।

केन्द्र के कृषि प्रसार विशेषज्ञ श्री रविन्द्रपाल सिंह ने कृषि उत्पादन में बढती लागत को कम करना अति आवश्यक है । श्री सिंह ने बताया कि उत्पादन लागत को कम करने के लिये विभिन्न विधियों का महत्वपूर्ण योगदान है जैसे खेत की तैयारी के समय कम जुताई के लिये रोटावेटर का प्रयोग करें । सीमित सिंचाई वाले क्षेत्रों में दलहनी और तिलहनी फसलों की बुवाई करें तथा सिंचाई के लिये ड्रिप और स्प्रिंकलर विधियों का प्रयोग करें, प्रत्येक फसल की बुवाई/रोपाई समय से करें, रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी परीक्षण के आधार पर करें साथ में जैव उर्वरक का भी प्रयोग करें । प्रारम्भिक अवस्था में कीट एवं बीमारियों से बचाव के लिये बीज उपचार भी अवश्य करें । इसके साथ-साथ उपयुक्त कृषि यन्त्रों जैसे बुवाई हेतु सीड कम फट्रीड्रिल का प्रयोग तथा जीरो-टिलेज के माध्यम से बिना किसी तैयारी के गेहूॅ की बुवाई करें । किसान भाई अगर इन सभी विधियों को अपनाये तो काफी हद तक उत्पादन लागत को कम किया जा सकता है ।

अध्यक्षीय सम्बोधन में माननीय सांसद महोदय ने किसानों से आवहन किया कि अब देश को दूसरी हरित क्रांन्ती की आवश्यकता है। जिसमें वैज्ञानिकों के साथ-साथ कृषकों के सहयोग की भी आवश्यकता है । मा0 सांसद ने कहा कि किसान भाईयों इस समय देश को धान-गेहूॅ, गन्ना के साथ-साथ दलहन एवं तिलहन का उत्पादन बढाने की भी आवश्यकता है क्योकि देश में दोनो का उत्पादन कम होने के कारण दोनों को आयात करना पडता है । जो एक खेद का विषय है । देश के अन्दर दलहन का क्षेत्रफल घटता जा रहा है । जिसे बढाने की जिम्मेदारी वैज्ञानिकों के साथ-साथ कृषकों की भी है । किसान भाई धान - गेहॅू व गन्ना के साथ दलहन व तिलहन का क्षेत्रफल बढाये तभी देश दालों व तिलहन में आत्म निर्भर बन सकेगा ।

मा0 सांसद महोदय जी ने कहा कि ज्यादातर कृषक भाई रसायनिक उर्वकों का प्रयोग मृदा परीक्षण कराये बिना ही करते है, जिससे उत्पादन कम होता है । क्योंकि आपको पता ही नही चलता कि आपकी मृदा में कौन-कौन से तत्वों की कमी है या अधिकता है। इसलिये यह आवश्यक है कि फसल की बुवाई से पूर्व अपने खेत का मृदा परीक्षण अवश्य कराये और मृदा स्वास्थय कार्ड बनवाकर उसी के अनुरूप रसायनिक उर्वरकों का प्रयोग करें । मा0 सांसद ने पशुपालकों की तरफ भी ध्यान आकृर्षित करते हुए कहा कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बहुत कम हो रहा है जो कि चिन्ता का विषय है । उन्होने कहा कि किसान भाईयों को अच्छी नस्ल की गाय व भैसों को पालना चाहिये तथा वैज्ञानिकों द्वारा बताये गये संतुलित आहार एवं राशन दे । तभी दूध उत्पादन बढ सकता है । मा0 सांसद महोदय ने कृषि विभाग द्वारा एन0एफ0एस0 योजना के अन्तर्गत चयनित कृषकों को उर्द (पी0यू0 35) का बीज मिनी किट के रूप में वितरण किया । इन प्रदर्शन में कृषि विज्ञान केन्द्र अपना तकनीकी सहयोग देगा । इसी के साथ सांसद आदर्श ग्राम के मृदा स्वास्थ कार्ड का वितरण भी मा0 सांसद महोदय द्वारा किया गया तथा मा0 संासद महोदय ने माननीय प्रधानमंत्री द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और इनको अपनाने पर जोर दिया । उन्होने जनपद के विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के विषय में कहा कि जनपद के सभी ग्राम वासियों को इन योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर लाभ उठाने के लिये प्रेरित किया और कहा कि यदि कोई समस्या आती है तो मुझे तुरन्त अवगत कराये । अन्त में मा0 सांसद महोदय ने आस-पास के ग्रामों एवं लहरावन ग्राम के सभी कृषकों, जनपद स्तरीय अधिकारियों एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के समस्त स्टाफ को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये धन्यवाद दिया।

इस कार्यक्रम में जनपद के सभी विभागों ने बढचढ कर भाग लिया एवं स्टाल लगा कर अपनी योजनाओं की जानकारी दी - जिसमें कृषि विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन, पादप सुरक्षा, भूमि संरक्षण विभाग, मत्स्य विभाग, भूमि संरक्षण रामगंगा कमाण्ड, वन विभाग, प्रथमा बैंक, सिंचाई विभाग, वैकल्पिक उर्जा विभाग, स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग, गन्ना विभाग, कृभकों आदि गैर सरकारी विभाग जैसे - सत्यम इन्टर प्राइजेज, डी0एस0एम0 शुगर मिल, धान्या सीड कम्पनी, ट्राइकोन सीड कम्पनी, फार्म सेन्टर बिलारी आदि विभागों एवं कम्पनियों ने अपना स्टाल लगाकर तकनीकी जानकारी दी तथ कृषि तकनीकी साहित्य का वितरण किया ।

कार्यक्रम के अन्त में केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक डा0 के0वी0सिंह ने मा0 सांसद महोदय को धन्यवाद ज्ञापित किया। उसके बाद सभी किसान भाईयों एवं जनपद स्तरीय सभी विभागो के अधिकारियों, विभिन्न कम्पनियों के प्रतिनिधियों, सभी स्टाल धारकों के सहयोग के लिये धन्यवाद दिया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में केन्द्र के स्टाफ श्री संजय कुमार शर्मा, डा0 हम्वीर सिंह, श्री नगेन्द्र प्रताप सिंह, श्री अजय तोमर, श्री सुभाष लायल, श्री रामकिशोर तथा सर्वेश कुमार एवं श्री महावीर सिंह, ग्राम प्रधान ने महत्वपूर्ण योगदान दिया । केन्द्र के विषय वस्तु विशेषज्ञ डा0 ए0के0 मिश्र ने कार्य्रकम का सफलतापूर्वक संचालन किया।

अध्यक्ष द्वारा कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा में केन्द्र के कार्यक्रम समन्वयक डा0 के0वी0 सिंह एवं सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौ0 विश्वविद्यालय से संयुक्त निदेशक प्रसार डा0 एस0के0 सचान ने संयुक्त रूप से मा0 सांसद महोदय को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया ।

इस कार्यक्रम में लगभग 400 कृषकों तथा 15 स्टाल धारकों ने भाग लिया।


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